हाईकोर्ट ने Arvind Kejriwal
को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वादा माफ गवाह के माध्यम से भाजपा को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से चंदा देने के आरोप लगाने पर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा कि यह न्यायिक प्रक्रिया पर कलंक लगाता है। कोर्ट ने कहा कि कानून, जो किसी आरोपी को वादा माफ गवाह बनाने के लिए 100 साल से अधिक पुराना है, नेता को फंसाने के लिए तुरंत नहीं लागू किया गया। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस कानून के तहत न्यायिक अधिकारी भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत गवाहों के बयान दर्ज करने के लिए जिम्मेदार है, साथ ही यह निर्धारित करता है कि आरोपी को वादा माफ गवाह बनाया जाए या नहीं।
यह कहना कि इस मामले में आरोपी को ईडी ने माफी दी है, न्यायिक प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करने के समान है। कानून पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित करता है, न कि सरकार या जांच एजेंसी।केजरीवाल और आम आदमी पार्टी ने गिरफ्तारी को चुनौती देते समय कई आधार प्रस्तुत किए हैं। इनमें एक और आधार है कि वादा माफ गवाह राघव मगुंटा और शरद रेड्डी के बयानों पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि पहले ने अपने बयान बहुत देर से दिए थे और दूसरे ने केंद्र में सत्ताधारी पार्टी भाजपा को चुनावी चंदा दिया है। केजरीवाल के अधिवक्ता ने कहा कि गवाहों ने ये बयान उनकी इस मामले से रिहाई और चुनाव में भाग लेने के लिए टिकट के बदले में दिए थे।रेड्डी की कंपनी, अरबिंदो फार्मा, ने गिरफ्तारी के पांच दिन बाद भाजपा को चुनावी बॉन्ड के माध्यम से पांच करोड़ रुपये दिए। अरबिंदो फार्मा ने चुनावी बॉन्ड के माध्यम से 52 करोड़ रुपये बाँटे, जिसमें से आधे से अधिक भाजपा को दिया गया था।https://youtu.be/YqrykptRKw0?si=5haoZ6kSevsl6yp0
दिल्ली में शराब मामला: हाइकोर्ट ने माना कि गिरफ्तारी पूरी तरह सही है, अब Arvind Kejriwal सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
दिल्ली शराब घोटाला मामले में दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और ED की हिरासत को खारिज कर दी। अदालत ने निर्णय दिया कि मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी कानून का उल्लंघन नहीं है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि हाईकोर्ट के फैसले से बचने के लिए अरविंद केजरीवाल अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने पर आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा कि मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाएंगे।अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी को खत्म करने की सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है.
ईडी ने केजरीवाल को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली सरकार के मंत्री और आप के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे उम्मीद करते हैं कि उच्चतम न्यायालय अरविंद केजरीवाल को उसी तरह की राहत देगा जैसी उसने पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को दी थी।
अब Arvind Kejriwal सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
तथाकथित आबकारी नीति घोटाला पार्टी और केजरीवाल को खत्म करने की देश की सबसे बड़ी राजनीतिक साजिश है,” सौरभ भारद्वाज ने कहा, “हम उच्च न्यायालय का संस्था के तौर पर आदर करते हैं, लेकिन सम्मान के साथ कहना चाहते हैं कि हम उसके आदेश से सहमत नहीं हैं और उसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख करेंगे।ध्यान दें कि अरविंद केजरीवाल ने 21 मार्च को ED द्वारा की गई गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका को दिल्ली उच्च न्यायालय ने पहले खारिज कर दिया था। उच्च न्यायालय का निर्णय, लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल की अनुपस्थिति में अपनी गतिविधियों को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे ‘आप’ के लिए एक झटका साबित हो सकता है।
21 मार्च को गिरफ्तारी से लगभग एक पखवाड़े पहले, अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में अपना लोकसभा चुनाव अभियान ‘‘संसद में भी केजरीवाल, तो दिल्ली होगी और खुशहाल’’ के नारे से शुरू किया। सूत्रों ने बताया कि पार्टी ने अब अपनी रणनीति में बदलाव किया है और मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के कारण कथित सहानुभूति की लहर का चुनावी लाभ उठाने के लिए एक नया नारा, “जेल का जवाब, वोट से” दिया है।