तापमान बढ़ने के साथ बीमारियां सताएंगी, Typhoid and Chickenpox अधिक खतरनाक होंगे
गर्मी का मौसम अब आ गया है। अभी भी उतनी गर्मी नहीं है। लेकिन तत्काल ध्यान देने से कई गंभीर बीमारियों से बच सकते हैं और परिवार को बचाया जा सकता है। तापमान बढ़ने से अब कई बीमारियां सताएंगी। जिनमें Chickenpox, Heat Stroke, Typhoid Infection and Fungal Infection शामिल हैं। ऐसे में इन बीमारियों से बचाव और लक्षणों को जानिए।
तापमान हर दिन बढ़ता जाता है। तेज धूप से आगामी दिनों में टाइफाइड, फंगल इंफेक्शन, फूड पाइजनिंग, चिकनपॉक्स और हेपेटाइटिस की संभावना बढ़ जाएगी। महीने के अंत तक आप भी गर्म हो जाएंगे। बुजुर्गों और बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, इसलिए उन्हें अधिक सतर्क रहना चाहिए।
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लू चलना हीट स्ट्रोक है। चिकित्सा में इसे हाइपरथर्मिया कहा जाता है।
इसके लक्षणों में प्यास, सिर में तेज दर्द, बुखार, उल्टी, श्वास तेज चलना, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, पेशाब कम आना और बेहोश होना शामिल हैं। इससे बचने के लिए खाली पेट न रहें। लू से सीधे बचें। खूब पानी और लस्सी पिए।
टाइफाइड बुखार के 12 आशंकित मरीज टाइफाइड मेडिसिन ओपीडी में आए। डा. त्यागी ने बताया कि यह बीमारी साल्मोनेला एन्टेरिका सेरोटाइप टाइफी बैक्टीरिया से होती है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, भूख न लगना, पेट में तेज दर्द और थकान शामिल हैं। लक्षण दिखते ही इलाज करें।
(Fungal Infection)
नागरिक अस्पताल के त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. राघवेंद्र सिंह ने बताया कि फंगल इंफेक्शन का कारण पसीना आना और स्वच्छता पर ध्यान नहीं देना है। हर दिन मरीज आते हैं। सुबह-शाम किसी अच्छे एंटीबायोटिक साबुन से स्नान करें। स्कैबीज के दाने भी दिखने लगेंगे। मरीज एक-दूसरे से दूर रहें।
मीजल्स-रूबेला (Measles Rubella) भी गर्मी में होता है। बच्चों को अधिक परेशान करता है। रोग के लक्षणों में तेज बुखार, खांसी के साथ कफ आना, गले में दर्द, आंखों में जलन और शरीर पर सफेद दाने शामिल हैं। बचाव के लिए MMR टीका लगवाएं। यह टीका बच्चों को सरकारी अस्पताल में निश्शुल्क दी जाती है।
चिकनपॉक्स बीमारी वैरिकाला जोस्टर वायरस से होती है। यह वायरल संक्रमण है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर पर लाल चकत्ते-दाने आते हैं। यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैलने वाला रोग है। मरीज को अलग कमरे में रखना बेहतर होगा। बच्चों को इस बीमारी से बचाने के लिए सरकारी अस्पताल में निशुल्क टीका दी जाती है।
पीलिया, या हेपेटाइटिस, एक रोग है। यह खराब भोजन से होता है। इसके लक्षणों में पीली त्वचा, नाखून, आंखें और पेशाब शामिल हैं। रोग से बचने के लिए लीवर को स्वस्थ रखें। पचने में आसान भोजन जैसे खिचड़ी और दलिया का सेवन करें। हेपेटाइटिस के मरीजों को सिविल अस्पताल में फ्री इलाज मिलता है।
(रोकावट और लक्षण)
-धूप में निकलते समय छाता पहनें और सिर पर कैप पहनें।
पानी, छाछ, ओआरएस घोल, लस्सी, नीबू और आम का पानी पिएं।
– सूती, ढीले और आरामदायक कपड़े पहने हुए हों।
– सीधी धूप में रहने से बचें।
– बुखार आने पर ठंडे पानी से माथे पर पट्टी रखें।
– घर में बनाया गया भरपेट ताजा भोजन खाएं।
-तेज मिर्च मसाले और बासी खाना न खाएं।
– बाजार में उपलब्ध कटे फलों को बिल्कुल नहीं खाएं।