तीन डिपो धारकों ने इंस्पेक्टर के साथ लाखों के राशन का गबन
तीन डिपो धारकों ने इंस्पेक्टर के साथ लाखों रुपये गबन किएखाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर, प्रोग्रामर और तीन डिपो होल्डरों ने लगभग २० लाख रुपये से अधिक का राशन गबन किया है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग मुख्यालय से राशन डिपो पर पिछले दो दिनों से रेड पर जांच की जा रही है। शुक्रवार को जांच पूरी होने के बाद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी ने दोनों अधिकारियों और तीनों डिपो होल्डरों के खिलाफ थाना शहर में शिकायत दी. शिकायत में सरकारी राशन में घोटाला और खुर्दबुर्द का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने शिकायत दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।
आरोपी पक्ष के राशन डिपो होल्डर स्काईलार्क रिसोर्ट पहुंचे जैसे ही मामला उजागर हुआ।
यहां आरोपियों ने खाद्य और आपूर्ति विभाग के अधिकारियों पर ही आरोप लगाए। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ डिपो होल्डर अपने सरगना के साथ आए थे। उन्हें ब्लैकमेल नहीं करने देंगे। इनके खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई है। आगे राशन डिपो तक नहीं मिलेगा।खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के नियंत्रक ने डिपो होल्डर अनिल, ललिता और उमेश सहित विभाग के इंस्पेक्टर सुरेंद्र सैनी और प्रोग्रामर सृजन भारती पर राशन का गबन करने का आरोप लगाया है। डीएफएससी ने कहा कि चार मार्च को डिपो होल्डर उमेश पर राशन गोलमाल करने का आरोप लगाया गया था। इसका बदला लेने के लिए सभी आरोपी डिपो होल्डर एकजुट हो गए। तीन महीने में सभी ने गरीबों के हक का आठ डिपो का राशन गबन किया है। जिसमें मशीनों से 32665 किलो गेहूं, 43884 किलो बाजरा, 2002 लीटर सरसों तेल और 1003 किलो चीनी हड़प लिए गए हैं। राशन पहले भी इसी तरह बर्बाद होता रहा है।https://youtu.be/sHmv7T9TyBE?si=a6Zm-VEgajFv9bpj
ऐसे लाखों रुपये का गबन किया गया अधिकारियों ने बताया कि आरोपी तीन डिपो होल्डरों ने अन्य पांच डिपो मालिकों की सप्लाई को अपने डिपो पर जोड़ दी।
जनवरी, फरवरी और मार्च में ये साप्ताहिक हुए। कांफेड ने सभी आठ डिपो होल्डरोंसे राशन के स्टॉक को गलती से दर्ज स्टॉक बताया और पीओएस मशीन से अपने फिंगरप्रिंट से इंस्पेक्शन करके स्टॉक को समाप्त कर दिया।जिसकी कोई सरकारी रिकॉर्ड या ऑनलाइन सूचना नहीं है। इसके बाद तेल, चीनी, गेहूं और बाजरा के हजारों किलो स्टॉक को समाप्त कर दिया गया। अधिकारियों को अचानक इतना बड़ा स्टॉक गायब होना परेशान कर रहा था।
मुख्यालय को इस मामले की शिकायत मिली। वीरवार को, मुख्यालय से एक टीम ने पानीपत पहुंचा और तीनों डिपो होल्डरों सहित पांच अन्य डिपो के राशन की जांच की। जिसमें विभाग के इंस्पेक्टर, प्रोग्रामर और तीन डिपो होल्डर को 20 लाख रुपये से अधिक का राशन गबन करने में संलिप्त पाया गया था। गांधी कॉलोनी अग्रवाल मंडी निवासी अंकित मित्तल ने भी इस मामले को लेकर मुख्यालय में शिकायत की थी।
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के इंस्पेक्टर सुरेंद्र सैनी, प्रोग्रामर सृजन भारती और डिपो होल्डर उमेश, अनिल और ललिता के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी गई है। ये सभी २० लाख रुपये का राशन गबन करने के आरोपी हैं। इसे लेकर मुख्यालय ने भी जांच की है। एफआईआर दर्ज करने के लिए पुलिस को शुक्रवार रात को ही थाने में जाकर शिकायत दी गई है।
गांधीनगर पुलिस ने आरोपित को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एक उचित मूल्य दुकान से 26 लाख रुपये से अधिक के राशन गबन के मामले में गिरफ्तार किया है।
कांग्रेस सरकार के दौरान राशन घोटाला सामने आया था। पुलिस ने उस समय प्राथमिकी की थी।संचालनालय खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण नवा रायपुर के आदेशानुसार, नमनाकला वार्ड स्थित शासकीय उचित मूल्य की दुकान में खाद्य स्टॉक का भौतिक सत्यापन करने पर चावल 718.81 क्विंटल, शक्कर 0.36 क्विंटल और चना 2.5 क्विंटल की कमी हुई।
मामला सामने आने पर संबंधित पक्षों को नोटिस भेजा गया। इसके बाद, संचालक ने 25 क्विंटल चावल, 0.36 क्विंटल शक्कर और 2.5 क्विंटल चना की भरपाई की. हालांकि, शेष 718.81 क्विंटल चावल गबन करके शासन को 26 लाख 52 हजार 279 रुपये का नुकसान हुआ। गांधीनगर थाने में आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 409 और 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया था। आरोपित तब से फरार था। मामले में आरोपित ब्रजेश सोनी को गिरफ्तार कर लिया गया।
गांधीनगर पुलिस ने जिला खाद्य अधिकारी की रिपोर्ट पर आरोपी के खिलाफ धारा 409, 34 के तहत अपराध दर्ज किया था। विवेचना पूरी होने के बाद पुलिस ने आरोपी को एक वर्ष बाद गिरफ्तार कर लिया है।
शुक्रवार को पुलिस ने नमनाकला निवासी आरोपी बृजेश सोनी को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। गांधीनगर थाना प्रभारी अश्विनी सिंह, एएसआई अजीत मिश्रा, प्रधान आरक्षक सुधीर सिंह, आरक्षक अतुल सिंह, जितेश साहू और मनीष सिंह इस कार्रवाई में शामिल रहे।